अमिताभ बच्चन केर मतलब बॉलीवुड के ओ चमकैत स्टार जिनकर चमक आइयो ओहिना अछि । अमिताभ आइयो सदाबहार छथि । हुनका शताब्दीक महान नायक सेहो कहल जाइत छनि |
अमिताभ बच्चन केर पिता हरिवंश राय बच्चन देशक एकटा प्रसिद्ध कवि छथि । पिता-पुत्र दुनू अप्पन-अप्पन क्षेत्रक दिग्गज मानल जाइत छथि । अमिताभ अपने अप्पन बाबूजी स जुड़ल एहि बात कए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करैत आबि रहल छथिन्ह । बिग बी अपन पिता हरिवंश राय बच्चन के बहुत करीबी छलाह | हिनक कवित स्कूल-कॉलेज मे पढ़ाओल जाइत अछि । हरिवंश राय बच्चन के जन्म 27 नवम्बर 1907 कअ संगमनगरी प्रयागराज में भेल छल । कवि हरिवंश राय बच्चन के पहिल ब्याह श्यामा बच्चन के संग 19 साल के उम्र में भेल छल ।मुदा विवाहक दस वर्षक बाद पत्नी श्यामा बच्चन बीमार भ’ गेलीह आ एहि बीमारी सँ हुनकर मृत्यु भअ गेलनि ।एकर बाद हरिवंशजी दोसर बेर तेजी बच्चन सँ विवाह केलनि । एहि ब्याह सं हुनका दू टा बेटा भेलनि, एकटा शताब्दीक मेगास्टार अमिताभ बच्चन आ दोसर अजिताभ बच्चन । हुनकर दोसर पुत्र अजिताभ एकटा सफल व्यवसायी छथि । बिग बी के माँ तेजी बच्चन के रंगमंच में गहन रुचि छलनि । ओना त हुनका बॉलीवुड स सेहो बड्ड रास ऑफर भेटल छल, मुदा ओ एहि सब स मना क देलथि आ गृहिणी बनब पसंद केलथि।
हरिवंश राय बच्चन इलाहाबाद विश्वविद्यालय स अंग्रेजी मे एम.ए.आ कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय स अंग्रेजी साहित्य मे पीएच.डी. केलाह । बाकी हरिवंश बाबू पी.एच.डी. हम प्रख्यात कवि डब्लू बी येट्स के कविता पर शोध केने रहैथ । हरिवंश जी हिन्दी भाषाक छायावादोत्तर काल के कवि रहलाह । मधुशाला हिनक सबसँ अनमोल आ प्रसिद्ध रचना अछि । इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विषयक शिक्षक सेहो छलाह आ ओतय सेहो पढ़बैत छलाह । बाद में भारत सरकार विदेश मंत्रालय मे हिन्दी विशेषज्ञक रूप मे से हो काज केनि । एतबे नहि हरिवंश राय बच्चन राज्यसभाक नामित सदस्य सेहो छलाह । हिनकर मृत्यु 18 जनवरी 2003 कअ भेलेन मृत्यु १८ जनवरी २००३ क॑ भेलन। हिनका हिन्दी के सभ स बेसी लोकप्रिय कवि में गिनल जाय छै ।
आब हम सब हरिवंश राय बच्चन आ अमिताभ बच्चन स संबंधित एकटा पैघ किस्सा कहय जा रहल छी। जे ओहि समयक अछि जखन हरिवंश जी कविक रूप मे बेसी सक्रिय छलाह | कवि हेबाक कारणे हरिवंश जी प्रायः कवि सम्मेलन मे भाग लैत छलाह | आ ओहि समयक हिसाबे कोनो सम्मेलन मे मात्र 500-1000 रुपैया भेटैत छलनि । एतबे नय कवि सम्मेलन स घुरबाक कोनो निश्चित समय नहि छल । कखनो काल हुनका लोकनिक घुरबाक भोर भ’ जाइत छलनि । एहन स्थिति मे जखन भोर घर अबैत छलाह त अमिताभ सामान्यतः दरबज्जा खोलैत छलाह । तखन अमिताभ हुनकासँ पुछैत छलाह, बाबूजी, अहां एतेक दिन की करैत छी ? आ फेर हरिवंश जीक जवाब छलनि जे बेटाक पाइ भेटब बड्ड कठिन अछि । समय बीतैत गेल आ हुनकर मुन्ना से हो बॉलीवुड के सुपरहीरो बनि गेलाह । एहन स्थिति मे अमिताभ सेहो बहुत व्यस्त रहय लगलाह । बिग बी से व्यस्तता एहन छल जे एक दिन मे दू-तीन-तीन पाली करैत छलाह. एहन स्थिति मे हुनकर घर एबाक कोनो निश्चित समय नहि छल । कखनो काल त घर घुरबा मे दू दू दिन भ’ जाइत छल। तखन हुनकर बाबूजी अर्थात हरिवंश राय बच्चन जी हुनका सँ हुनकर प्रश्न पूछैत छलाह, की ई कोनो समय बेटा, एतेक दिन की करैत छी? आ अमिताभ से हो बाबूजी द्वारा देल गेल उत्तर दोहरबैत छलाह जे बाबूजीक पाइ भेटब बड्ड कठिन अछि । द्वारा देल गेल उत्तर दोहरबैत छलाह जे बाबूजीक पाइ भेटब बड्ड कठिन अछि । मानल जाइत अछि जे बिग बी अपन पिता हरिवंश राय बच्चन के बड्ड करीब छलाह । बिना पएर छुने कहियो घरसँ बाहर नहि निकलैत छलाह । एतेक धरि जे अमिताभ सेहो अपन कतेको कविता अपन स्वर मे गबैत छथि । त ई छल आजुक किस्सा ।