करीब 68 साल के बाद एक बेर फेर स एयर इडिया के घर वापसी भेलाह । एयर इंडिया के मालिकाना हक एक बेर फेर आब टाटा समूह लग आबि गेल । एयर इंडिया के लेल टाटा लगभग 18000 करोड़ केर बोली लगवने छलाह,जे सभ स बेशी रहेय ।
मीडिया स गप्प करैत डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे कहलखिन्ह जे टाटा समूह के बोली 18000 करोड़ के छल जे सभ स जादे छलाह । हुनका मुताबिक ई लेनदेन के काज दिसंबर 2021 केर अंत तक होवअ के उम्मीद अछि । टाटा समूह के एयर इंडिया के संगे एयर इंडिया एक्सप्रेस के नियंत्रण से हो भेटत । ओतय एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भेटत । एआईएसएटीएस देश में हवाईअड्डा सब पर कार्गो आ जमीनी स्तर के सेवा देत अछि । एहि में टाटा समूह के एयर इंडियाक घरेलू हवाई अड्डा पर 4,400 घरेलू आ 1,800 अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लेल लैंडिंग के मंजूरी भेटत । आ पार्किंग आवंटन के नियंत्रण से हो देल जाएत । एक साल तक टाटा समूह एयर इंडिया के कोनो स्टाफ के नय निकाएल सकैया । आ सभ स्टाफ के पीएफ देवअ के हेतय । एकर बाद वीआरएस के सुविधा द सकैया ।
एयर इंडिया के अगर इतिहास देखल जाए त एकर स्थापना जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा 1932 में केने रहलाह । तखन एकरा टाटा एयरलाइन के नाम स जानल जैत रहेय । बाद में 1953 में एकर राष्ट्रीयकरण कैल गेल छल । जाहि में सरकार के 100 प्रतिशत स्वामित्व रहेय ।
एकर बाद स एक समय एहन आएल छल जाहि में एयर इंडिया अप्पन रिकार्ड नुकसान में चलि गेल । जकरा वजह स सरकार के लेल एकरा चलेनाय एकटा मुश्किल काज भ गेल छल । जाहि स सरकार एकरा निजी करण के फैसला लेलक । एयर इंडिया के निजाकरण के शुरूआत 2017 में भेल छल । मुदा आबि जाकर ई पूरा भेल ।