
शुक्रदिन ७ जुलाई २०२३ क मौना पंचमी आ नागपंचमी अछि । साओन वदि पञ्चमी मौना पञ्चमी कहबैत अछि । आजुक दिन दूध आ धानक लाबा लय मौन भए भगवती विषहाराक पूजा कएल जाइत अछि । पूजा पञ्चोपचार या दशोपचार होइछ । एहि तिथि कऽ भगवती विषहारा कें खीर आ घोरजाउर अर्पित कऽ प्रसाद रूपमें भोजन कएल जाइत अछि । नीमक पात अमताहा दाडिम , परखुआ आ नेबो चिबा कऽ थुकरल जाइछ । जाहि से सालो भरि विषक कुप्रभाव शरीर पर नहि परैत छैक से लोकके विश्वास छैन्ह । ई पावनि मिथिलामे घर – घर मनाओल जाइत अछि । ई पावनि मनेबाक कारण अछि सावन मासमे वर्षारमाभ भेलासँ साँपके बिहरि में जल प्रवेश कऽ जाइत छैक, तहन वाध्य भऽ ओकरा बिहरि सँ बाहर होमय परैत छैक । जाहि सँ लोक कें सतत नागक दर्शन होइत रहैत छैन्ह । ओकर दंश सँ निवारणार्थ मनसा देवीक जन्म दिन पर हुनकर आराधना लोक करैत अछि । । ई पावनि वर्षाभ्यन्तरमे जाहि कन्याक विवाह भेल होइन ओ विशेष रुपें मनबैत छथि । अपन अखण्ड सोहागक कामना सँ “मधुश्रावणी” पावनि एही दिन में प्रारम्भ करैत छथि । प्रथम दिन “मनसा देवीक” पूजा विशेष रूप से कएल जाइछ आ हिनक कथा विस्तारपूर्वक बाचल जाईछ आ सुनल जाइछ । ई पाबनि कयनिहारि एहि दिनमे अपन घर आङन पवित्र पूर्बक नीपैत छथि । घर – आङनक धुरखुर पर गोबर सँ नाग – नागीन बनाय ओकरा मुँहमें सिन्दुर ‘ पिठार लगबैत छथि । । पंचमी दिन पावनि कयनिहार सात झाक माटि बहार सँ मँगाय सातटा पञ्चमीक माटिक थुम्ह बनबैत छथि आ ओहू में सिन्दूर – पिठार लगा दैत छथि । । पावनिक प्रात एहि थुम्हके घरमे राखि देल जाइत अछि । ककरो जहिया कहियो साँप काटि लैत छैक तऽ एही थुम्हक माटि सँ झारल जाइत अछि । । संध्याकाल मूसक माटि , बँगोर , कटैल ( फूटल लहठी ) , उलटा सरिसो , धानक लाबा सबके एकत्र कऽ साँप झारय बलाक ओहिठाम सँ विषहाराक मन्त्र से अभिमन्त्रित करा मौन भऽ घर आन , बारी – झारी सभ ठाम छीटैत छथि । । लोकक विश्वास छैक जे एहि तरहे आराधना कयलासँ सर्पक देवता प्रसन्न भय अभय वर दय दंशसँ मुक्त करैत छथिन्ह ।
(ई लेखक अप्पन विचार अछि )
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